ओबीसी आरक्षण व जातिगत जनगणना सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर रखे गये विचार
बालाघाट, लालबर्रा। नगर मुख्यालय में स्थित सामुदायिक भवन में 8 फरवरी को दोपहर 3 बजे से ओबीसी महासभा लालबर्रा, बालाघाट के तत्वाधन में ओबीसी, एसटी, एससी, अल्पसंख्यक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम अतिथियों के द्वारा समस्त महापुरूषो के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पूजन अर्चन एवं माल्यार्पण किया गया जिसके पश्चात क्रमश: समस्त अतिथियों ने ओबीसी आरक्षण, जातिगण जनगणना करवाये जाने एवं ओबीसी, एससी, एसटी व अल्पसंख्यक के महत्वपूर्ण ज्वलंत मुद्दों व संवैधानिक हक अधिकारों से अवगत करवाकर एकजुट होने की बात कही।
पदाधिकारियों ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए परंतु सरकार जनगणना नही करवाना चाहती है जिसके कारण सर्वाधिक आबादी वाले ओबीसी वर्ग के लोगों को उनका अधिकार नही मिल पा रहा है। पदाधिकारियो ने कहा कि ओबीसी वर्ग की विभिन्न मांगों को लेकर निरंतर ओबीसी वर्ग की विभिन्न मांगों को लेकर निरंतर ओबीसी महासभा के द्वारा प्रदेश स्तर पर आंदोलन किये जा रहे है। जिसके पश्चात अब तक ब्लाक स्तर पर सम्मेलनों का आयोजन कर ओबीसी वर्ग के लोगों को एकजुट करने का कार्य किया जा रहा है ताकि वे अपने हक व अधिकार की लड़ाई लडऩे के लिये आगे आयें। चर्चा में ओबीसी महासभा राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य महेंद्र सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य मुद्दा मध्यप्रदेश व पूरे देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिये, मध्यप्रदेश के अंदर ओबीसी को जो आरक्षण नही मिल रहा है, बार बार भाजपा सरकार कह रही है कि 27 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया है जबकि यह आरक्षण जमीनी स्तर पर लागू नही हुआ है साथ ही विगत दा ेवर्षो से ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृति का भुगतान नही किया गया है जिसके लिये निरंतर ओदोलन किया जा रहा है, इस मुही से हमारा समाज जुड़ रहा है, बहुत जल्द प्रमोशन में आरक्षण की मांग को लेकर बहुत बड़ा आंदोलन होने वाला है। श्री सिंह ने कहा कि हमारी मुख्य मांग जनगणना करवाना है ताकि हहमे पता चल सके कि हमारी किनी भागीदारी है और हमें कितना अधिकार मिलना चाहिये। यह सम्मेलन ओबीसी महासभा राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य महेंद्र सिंह के मुख्य अतिथ्य, ओबीसी महासभा बालाघाट जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी की अध्यक्षता एवं इतिहासकार राजेंद्र बाबू ढोके, ओबीसी महासभा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह पटेल, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेंद्र यादव व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप चौरसिया के विशिष्ट आतिथ्य एवं ओबीसी चिंतक रामचंद्र सिंहोरे, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ संपादक डॉ. खुशाल बोपचे, अ.भा.आदिवासी धर्म परिषद प्रदेश अध्यक्ष भुवनसिंह कुर्राम, भंडारा पूर्व सांसद कुशाल बोपचे, आदिवासी विकास परिषद बालाघाट अध्यक्ष दिनेश धुर्वे, गोवारी समाज जिलाध्यक्ष महेश सहारे, ओबीसी महासभा छात्र मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमंत साहू, बालाघाट कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकरे, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ विदर्भ महासचिव विजय पटले, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वाघाड़े, महिला मोर्चा प्रदेश महासचिव श्रीमती पूनम कुावाहा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती विनीता सोनी, श्रीमती ज्ञानेश्वरी गाड़ेश्वर, प्रदेश महासचिव मोहित दमाहे, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष संतोष परिहार, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनीष कुशवाहा, छात्र मोर्चा जिलाध्यक्ष राजा नगपुरे एवं समाजसेवी अधिवक्ता आनंद बिसेन के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर किसान कांगे्रस ब्लाक अध्यक्ष शेरसिंह देशमुख, ओबीसी महासभा ब्लाक अध्यक्ष नरेंद्र पंवार, अखिलेश मेश्राम, चंद्रमणि मेश्राम, सतीश गौतम, केशव अजीत, डिलनसिंह बिसेन, अभय पिछोड़, संगम नगपुरे, जीतु मसखरे, रितेश बोरकर, निलेश बौद्ध,कृपाशंकर साटोने, महेश राहंगडाले, नुपुर येरपुड़े, नेहा रिनायत, सोनाली लांजेवार, स्नेहा शेंडें, मानसी वाघाड़े, विशाल मछाड़े, व निलेश बिरनवार सहित अन्य मौजूद रहे।
ओबीसी की जनसंख्या के आधार पर मिलनी चाहिये हिस्सेदारी-सौरभ
चर्चा में ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी ने कहा कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में ओबीसी महासभा के द्वारा लगातार ओबीसी की जायज मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है, बालाघाट में लगातार ओबीसी आरक्षण-जातिगत जनगणना व छात्रवृति सहित अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन किये गये है, विगत दो माह पूर्व ओबीसी महासभा के द्वारा निर्णय लिया है कि ओबीसी महासभा को अब गांव-गांव में पहुंचकर ओबीसी, एससी, एसटी व अल्पसंख्यक वर्ग के साथियों को अपने हक व अधिकारों की जानकारी देना है जिसके तारतम्य में संपूर्ण मध्यप्रदेश के समस्त ब्लाकों में ब्लाक स्तरीय छोटै-छोटे सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है जिसकी शुरूआत आज बालाघाट जिले के लालबर्रा ब्लाक से की गई है जिसमें समस्त पदाधिकारियों ने मार्गदर्शन दिया है, हमारा मुख्य उद्देश्य है कि संपूर्ण देश में एससी-एसटी समाज की जनगणना हो रही है, जानवरों की जनगणना हो रही है लेकिन सन 1931 के पश्चात संपूर्ण भारत में ओबीसी की जातिगण जनगणना नही की गई है, ओबीसी की जातिगत जनगणना की जाये एवं जनसंख्या के आधार पर हमको हिस्सेदारी मिलनी चाहिये जिसकों लेकर आज का सम्मेलन रखा गया है, जब समस्त ब्लाकों में सम्मेलन संपन्न हो जायेंगे उसके पश्चात जिला मुख्यालय में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा जिसमें संपूर्ण देश में ओबीसी, एससी, एसटी व अल्पसंख्यक वर्ग के चिंतक शामिल होंगे।